शनिदेव का नाम सुनते ही कई लोग डर जाते हैं। चिंता में पड़ जाते हैं कि कहीं शनिदेव की कुदृष्टि उनके ऊपर ना पड़ जाए। इसीलिए ज्यादातर लोग शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते हैं। उनके मंत्रों का जाप कर उनकी कुदृष्टि को शुभ दृष्टि में बदलने का प्रयास करते हैं। कहते हैं जिस पर शनिदेव की कृपा होती है, वह ऐसे लोगों को फर्श से अर्श तक ले जाते हैं और उनकी कुदृष्टि पड़ने पर राजा को भी एक भिखारी बना देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव आपको आपके कर्मों के आधार पर ही दंड देते हैं। यूं कहें कि हमें शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव इसीलिए झेलना पड़ता है, क्योंकि हमने कोई पाप या कुकर्म करें होते हैं।
शनिदेव कर्मों के आधार पर किसी भी व्यक्ति को शुभ या अशुभ फल देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की शनि देव जब कुंडलियों में अपना स्थान बदलते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि हर किसी को उसका अशुभ फल ही मिले। हमेशा सभी व्यक्तियों के लिए अशुभ नहीं होते बल्कि कर्म के आधार पर गलत कर्म करने वालों को दंड और अच्छे कर्म करने वालों को अपना वरदान और शुभ आशीष भी देते हैं। शनि देव को स्थिरता का प्रतीक माना जाता है, इसीलिए कोई भी कार्य करने से पहले शनिदेव का भी स्मरण करना चाहिए। यदि हो सके तो नौकरी या कोई व्यवसाय शुरू करने के लिए शनिवार का ही दिन चुनना चाहिए। कहते हैं इससे शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता, नौकरी और व्यवसाय में स्थिरता आती है।
जहां शनिदेव के प्रकोप से अमीर से अमीर व्यक्ति भी गरीब बन जाता है वही उनके आशीर्वाद और वरदान से गरीब से गरीब व्यक्ति भी अमीर बन जाता है। शनि की साढ़ेसाती सभी लोगों के लिए अशुभ नहीं होती। बल्कि ऐसे भी कुछ लकी लोग हैं। जिनके लिए शनि की साढ़ेसाती अति शुभ मानी जाती है कहते हैं। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती शुभ फल देती है, उनके जीवन में धन-दौलत मान-सम्मान, समृद्धि और सुख हमेशा बना रहता है।
शनि की साढ़ेसाती इन लोगों के लिए फलदाई
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में किसी शुभ ग्रह की महादशा या दशा चल रही होती है, तो उसी दौरान शनि की साढ़ेसाती की होती है। लेकिन ऐसे में जब शनिदेव लोगों पर अपनी टेढ़ी दृष्टि डालते हैं, तो इस दृष्टि का प्रभाव अशुभ नहीं बल्कि शुभ होता है। जिन लोगों पर शनिदेव की कृपा होती है, वह लोग लाख मुसीबत आने पर भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर ही लेते हैं। शनिदेव की कृपा से उनके सारे बिगड़े काम बनते चले जाते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसे कौनसे लकी लोग हैं जिनपर पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव उन पर नहीं पड़ता।
छल-कपट-लालच से दूर रहनेवाले
जो लोग लालच, कपट, छल जैसी चीजों से दूर रहकर अपनी मेहनत से लक्ष्य प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। शनिदेव की कृपा ऐसे लोगों पर बनी रहती है। शनि देव छल, कपट और लालच जैसी चीजों को ना पसंद करते हैं, इसीलिए इन सब से दूर रहने वाले व्यक्तियों पर शनि देव की कृपा बनी रहती है। यदि आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो अपने जीवन से इन सभी चीजों को निकाल दीजिए और सच्चे मन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें । कभी भीअपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शॉर्टकट या छल कपट जैसी बुरी चीजों का सहारा ना लें।
मेहनती और आत्मनिर्भर
जो लोग आत्मनिर्भर होते हैं और अपने दम पर ही अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। जिसके लिए वे कड़ा प्रयास करते हैं ऐसे लोगों पर भी शनिदेव की साढ़ेसाती का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि इससे उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। शनि देव को मेहनती और आत्मनिर्भर लोग पसंद होते हैं। यदि आप शनिदेव की साढ़ेसाती से बचना चाहते हैं तो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दूसरों की मदद ना ले आत्मनिर्भर बने अपनी बुद्धि और मेहनत का सही प्रयोग करें।
न्यायवादी और सत्यवादी
जैसा कि सभी जानते हैं कि शनि देव न्याय के देवता है इसीलिए उन्हें सत्यप्रिय और न्याय का साथ देने वाले व्यक्ति पसंद होते हैं। ऐसे व्यक्ति ना तो कोई गलत काम करते हैं और ना ही कभी किसी गलत का साथ देते हैं। ऐसे लोगों पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा ऐसे व्यक्तियों पर शनिदेव की साढ़ेसाती का शुभ प्रभाव पड़ता है।
वैराग्य
जो लोग अपनी मेहनत और ईमानदारी की बलबूते पर सफलता पाते हैं। ऐसे लोगों पर भी शनि की साढ़ेसाती का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसे लोग विवाह के संबंध में नहीं बंधते। वह सन्यासी या समाज सुधारक होते हैं। शनि देव को जो लोग प्रिय होते हैं उनका झुकाव वैराग्य की ओर होता है और उनको शनिदेव की कृपा पाने के लिए 35 वर्ष या उससे थोड़ा अधिक इंतजार करना होता है।
तुला राशि
ज्योतिष शास्त्र की माने तो तुला राशि शनि देव की सबसे प्रिय राशि मानी जाती है। जिस कारण इस राशि के लोग सच्चे और ईमानदार होते हैं। तुला राशि के जातकों पर भी शनिदेव की विशेष कृपा रहती है और उन पर भी शनिदेव की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
सरल और शांत स्वभाव
कुंभ राशि के ज्यादातर लोग सरल व शांत स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग किसी का बुरा कभी नहीं करते। कुंभ राशि के लोगों का स्वभाव दूसरों की मदद करने वाला और आत्मनिर्भर होता है, इसीलिए इन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही कुंभ राशि का स्वामित्व शनिदेव की ही पास होता है इसीलिए इन पर भी शनि देव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
मकर राशि
इन सबके अलावा मकर राशि वाले लोगों को भी शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि देव हैं, इसीलिए भी मकर राशि वाले व्यक्तियों पर शनि की साढ़ेसाती या कुदृष्टि का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
मातृ-पितृ भक्त
जो व्यक्ति अपने माता पिता का आदर सम्मान करते हैं। उनकी सच्चे मन से सेवा करते हैं। ऐसे व्यक्ति भी शनिदेव के प्रिय होते हैं। यदि ऐसे व्यक्ति किसी समस्या में फंसे हैं या उनका काम नहीं बन रहा हो, तो शनिदेव की कृपा से शीघ्र ही उनका काम बन जाता है। शनि देव उनके जीवन की सभी समस्याओं का अंत कर देते हैं। यदि आप भी शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो अपने माता-पिता का सम्मान करें उनकी सेवा करें। इसके साथ ही अपने परिवार के सभी सदस्यों का भी ख्याल रखें परिवार में कभी कलह ना होने दें।