जैसा कि सभी जानते हैं 11-12 अगस्त 2020 को जन्माष्टमी का त्योहार है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। हिंदू पुराणों और शास्त्रों के अनुसार कृष्ण मुरारी में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि में कंस के कारागृह में माता देवकी की कोख से जन्म लिया था। उनका जन्म इस धरती से अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था। इस दिन हर जगह कृष्ण नाम की धूम मची होती है। श्री कृष्ण के भक्त इस दिन को किसी उत्सव से कम नहीं मानते। इस दिन कृष्ण जी के मंदिरों में कृष्ण नाम के भजन कीर्तन होते हैं। कृष्ण जी के जन्म की तैयारियां की जाती हैं। कई जगहों पर तो रंग बिरंगी झांकियां तक निकाली जाती हैं।
जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के लिए व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिन लोगों की संतान नहीं है उन्हें भी इस दिन व्रत करने और श्री कृष्ण की पूजा पाठ करने से संतान की प्राप्ति होती है। मनुष्य का जीवन हमेशा सुख और दुख से भरा रहता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके जीवन में हमेशा ही कष्ट रहते हैं। जीवन के कष्टों के निवारण के लिए जन्माष्टमी से पहले कुछ उपाय करने से ऐसे दुखों से छुटकारा पाया जा सकता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर धन लाभ के अचूक उपाय
भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के दिन उनके बाल रूप की पूजा की जाती है। उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें 56 तरह के भोग लगाए जाते हैं। उनसे मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रार्थना की जाती है। यदि आप भी अपने घर में बरकत चाहते हैं, सुख संपत्ति और खुशहाल जीवन चाहते हैं, तो आप जन्माष्टमी से पहले इन पांच वस्तुओं को अपने घर में ले आएं। ऐसा करने से लक्ष्मी कुबेर की आप पर कृपा बरसेगी। जिससे आपके घर में कभी धन की कोई कमी नहीं रहेगी।
आपका जीवन सुख-संपदा से भर जाएगा। जीवन के सभी दुख खत्म हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं कि आखिर वह कौन सी पांच चीजें हैं जिनको जन्माष्टमी के पहले घर पर रखने से राहु काल की महादशा को टाला जा सकता है और दांपत्य जीवन की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
गाय
हिंदू धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं कि गाय में सभी देवी देवताओं का निवास होता है। गाय को पालने से जीवन में आ रहे कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें, तो गाय के भीतर गुरु ग्रह का वास होता है। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में होता है, तो उसे गौ सेवा जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से वह गुरु ग्रह की कुदृष्टि से बच जात है।
जन्माष्टमी से पहले घर में गाय को लाना शुभ माना जाता है। अगर आप शहर में रहते हैं तो आप गाय और उसके बछड़े की एक मूर्ति खरीद कर ला सकते हैं। यदि है मूर्ति चांदी की होगी तो और भी उत्तम फल देगी। इसके अलावा वास्तु शास्त्र में भी गाय की मूर्ति का बहुत महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा करने के स्थान या बैठक के कमरे के ईशान कोण में चांदी की गाय और उसका बछड़ा रखने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है। उसके द्वारा किए गए कार्य कभी रुकते नहीं है।
मोर पंख
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जिस घर में मोर पंख होता है, उस घर में कभी अमंगल नहीं हो सकता। कहते हैं कि मोर पंख को घर में रखने से दुरात्मा या नेगेटिव एनर्जी घर में प्रवेश नहीं कर पाती। माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने भी राहु काल की महादशा से बचने के लिए अपने मुकुट पर मोर पंख धारण किया था, इसीलिए जिसके जीवन में राहु काल की महादशा चल रही है उसे भी अपने घर में या अपने पास सदैव एक मोर पंख रखना चाहिए।
इसके अलावा विद्या की देवी मां सरस्वती का वाहन मोर है। जिस विद्यार्थी का पढ़ाई में मन नहीं लगता या पढ़ाई में वह कमजोर है, उसे अपनी किताबों के पीछे बीच में मोर पंख रखने चाहिए। ऐसा करने से उसका मन विचलित नहीं होगा और पढ़ाई में लगेगा। वास्तु शास्त्र के अनुसार मोर पंख को घर में रखने से पॉजिटिव एनर्जी आती है और घर का माहौल खुशनुमा रहता है।
बांसुरी
बासुरी श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। कहते हैं कि जब कृष्ण मुरारी बांसुरी बजाते थे, तो उसकी धुन सुनकर सभी पशु पक्षी मनुष्य मंत्रमुग्ध हो जाते थे। जिनके दांपत्य जीवन में तनाव या कलह रहता है, उन्हें अपने सिरहाने के नीचे बांस की बांसुरी रखनी चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन तनावपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा घर में जहां भी कहीं वास्तु दोष हो वहां पर बांसुरी रखने से दोष दूर हो जाता है, लेकिन हमेशा ध्यान रहे की बांसुरी कभी सीधी नहीं रखनी चाहिए। यह हमेशा तिरछी होनी चाहिए और इसका मुख्य जमीन की ओर होना चाहिए।
तुलसी का पौधा
यदि आपके दांपत्य जीवन में कलह या तनाव रहता है, तो जन्माष्टमी से पहले एक तुलसी का पौधा अपने घर के आंगन में लगाएं। तुलसी भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है। बिना तुलसी के श्री हरि विष्णु और उनके अवतार श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है। इतना ही नहीं उनके भोग में भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान को प्रसाद चढ़ाने से पहले उसमें तुलसी कि कुछ पत्ते डालने चाहिए और फिर भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में हमेशा अन्न का भंडार भरा रहता है। घर में किसी चीज की कमी नहीं रहती और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है।
इतना ही नहीं तुलसी के पौधे के पौधे का चिकित्सा में भी बहुत महत्व है तुलसी का पौधा मलेरिया के कीटाणुओं को खत्म करता है। इसके अलावा इसके पत्तों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की शक्ति होती है। यह घर में आने वाली नेगेटिव एनर्जी को भी दूर करता है। रोज सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे को जल अर्पित करना चाहिए। शाम को सूर्यास्त होने के बाद एक दीपक तुलसी के पौधे के आगे अवश्य जलाएं। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी दुख दूर हो जाएंगे।