गंगा की सफाई को लेकर 111 दिन से अनशन कर रहे वरिष्ठ पर्यावरण विधि जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद की मृत्यु को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। स्वामी सानंद के करीबी लोगों में से एक स्वामी शिवानंद ने उनकी मौत को लेकर सरकार और अधिकारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वामी शिवानंद उस सदन के संस्थापक है जहां प्रोफेसर जीडी अग्रवाल अनशन पर बैठे थे। उन्होंने कहा है कि स्वामी सानंद की मृत्यु सामान्य नहीं है बल्कि उनकी हत्या की गई है। सीबीआई जांच की मांग करते हुए स्वामी शिवानंद ने जिलाधिकारी, एसबीएम, डीएसपी और एम्स के निदेशक को दोषी बताया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी इसमें शामिल होने का दोषी माना है। स्वामी शिवानंद का कहना है कि “अब कहा जा रहा है कि स्वामी सानंद की मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि उन्हें हार्ट अटैक यहां क्यों नहीं आया। यहां वह पूरी तरह से ठीक है और सभी से बातचीत कर रहे थे और उन्होंने यहां से जाने से भी पूरी तरह मना कर दिया था। हम इसकी जांच की मांग करते हैं क्योंकि स्वामी सानंद की मौत सामान्य नहीं थी उनकी उनकी हत्या हुई है।”
जीडी अग्रवाल और स्वामी सानंद आईआईटी कानपुर के रिटायर्ड प्रोफेसर थे जो कि गंगा नदी के तट पर किए जा रहे निर्माण कार्य का विरोध कर रहे थे उनका कहना था कि यह नदी के प्राकृतिक प्रवाह को नष्ट कर देगा और इसका परिणाम हमें प्राकृतिक आपदा के रूप में झेलना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडी अग्रवाल की मौत पर ट्वीट करते हुए कहा है कि
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018