अष्टांग हृदयं में कहा गया है कि जिस भोजन को सूर्य के प्रकाश ने स्पर्श ना किया हो और पवन ना मिली हो, ऐसे भोजन को कभी नहीं खाना चाहिए। ऐसा भोजन जहर के समान होता है। आज हम आपको राजीव दीक्षित जी द्वारा बताए गए दुनिया के सबसे पौष्टिक नाश्ते के बारे में बताएंगे।
राजीव दीक्षित जी का कहना है कि हमने अपने घर के नाश्ते को ऐसा बना दिया है, जो यूरोप या अमेरिका में खाया जाता है। जैसे ब्रेड,पाव, बिस्किट और नूडल्स । ज्यादातर घरों में सुबह के नाश्ते में तले हुए ब्रेड पकोड़े या ब्रेड से बनी कोई ना कोई चीज खाई जाती है। पूछने पर लोगों का कहना है कि इन्हें बनाना बहुत ही आसान होता है, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि इडली,सांभर, उत्तपम, चीला, डोसा और हलवा भी बनाने में बहुत ही आसान है।
साथ ही यह सभी खाने में सबसे पौष्टिक और सुरक्षित नाश्ता भी है। लोग अपने इस पौष्टिक नाश्ते को छोड़कर विदेशी नाश्ता अपनाने में लगे हुए हैं। जिसके कारण हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां घर कर जाती है। भले ही यह विदेशी खाना खाने में स्वादिष्ट लगता हो लेकिन यह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। नाश्ते में खाने वाली सभी चीजों में सबसे पौष्टिक नाश्ता आटे और सूजी के हलवे का होता है, जो मस्तिक से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से हमें छुटकारा भी दिलाता है। जिसमें माइग्रेन, सिर दर्द, आंखों का दर्द, पेट की बीमारियां आदि शामिल है।
इनके लिए है नाश्ते में फायदेमंद हलवा
यदि कोई व्यक्ति घंटे भर पहले की ऑपरेशन कर के आया हो, उसे भी घी से बनी सूजी का हलवा खाने पर लाभ मिलेगा। उस मरीज को कम से कम 15 दिनों तक रोटी, दाल, सब्जी या चावल नहीं खिलाया जा सकता, लेकिन ऑपरेशन होने के बाद जब मरीज को होश आए तो उसे गाय का शुद्ध देसी घी से बना हलवा जरूर खिलाया जा सकता है । हलवे का नाश्ता बहुत हल्का होता है इसीलिए किसी भी सर्जरी या ऑपरेशन के बाद, शरीर में कमजोरी होने पर या महिला के प्रसव के बाद शुद्ध देसी घी से बना करना हलवा देना चाहिए। इससे पाचन जल्दी होगा और शरीर में ताकत भी मिलती है।
इसके अलावा वजन कम करने वाले लोगों या जिनको सिर दर्द और माइग्रेन की बीमारी है ऐसे लोगों भी हलवे का ही नाश्ता करना चाहिए। हलवा शरीर शरीर की कमजोरी को दूर करता है जिससे मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। हलवा बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता और इससे ज्यादा पौष्टिक नाश्ता और कोई हो ही नहीं सकता। लेकिन धीरे-धीरे विदेशी नाश्ते में हमारे इस भारतीय नाश्ते को दरकिनार कर दिया है।
इसकी जगह ब्रेड, बिस्किट ,नूडल्स, बर्गर आदि ने ले ली है। लेकिन यह सभी बीमारियों की जड़ है। लगातार इन सभी का सेवन करने से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और शरीर अंदर से कमजोर होने लगता है । जिससे हमें कई तरह की बीमारियां जैसे कैंसर, हाई बीपी, दिल की बीमारी, मोटापा, हड्डियों का कमजोर होना, कब्ज, गैस और शरीर में खून की कमी होने लगती है।
क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद भी कहता है कि सवेरे का नाश्ता सबसे ज्यादा पौष्टिक सुरक्षित और मजबूत होना चाहिए। अक्सर लोग बहाना बनाते हैं कि हमारे बच्चे भारतीय नाश्ता पोहा, डोसा, इडली , चीला या हलवा नहीं खाते, इसीलिए हमें उनके लिए विदेशी नाश्ता नूडल्स, ब्रेड या बर्गर ही बनाना पड़ता है। लेकिन हकीकत में माता-पिता खुद ही अपने बच्चों को इस विदेशी नाश्ते की आदत डालते हैं।
इस तरह बचपन से ही से हमारे शरीर को नुकसान होने की शुरुआत हो जाती है। हम सड़े मैदे से बनी बर्गर, ब्रेड, बिस्किट या नूडल्स खाते हैं। जिनको खाने से हमें पेट की बीमारी कब्ज, गैस और एसिडिटी होने लगती है और धीरे-धीरे इन बीमारियों पर ध्यान न देने पर यह किसी गंभीर और जानलेवा बीमारी का रूप ले लेती है।
ध्यान देने योग्य बातें
- ध्यान रहे कि गेहूं के मोटे आटे का हलवा सबसे पौष्टिक और के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप सूजी के हलवे का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन हलवा बनाते समय कभी भी बाजार में मिलने वाली सफेद चीनी का प्रयोग ना करें।
- चीने के स्थान पर आप गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप चीनी का ही प्रयोग करना चाहते हैं, तो आप ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- इसके अलावा हमेशा हलवे को गाय के घी से ही बनाना चाहिए। जिसे स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी बने।
- हलवे को और भी पौष्टिक और शरीर के लिए लाभदायक बनाने के लिए इसमें आप केसर, सूखे मेवे और इलायची का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हमेशा ध्यान रहें, कि हलवा खाने के बाद कभी भी एकदम से पानी नहीं पीना चाहिए। ठंडा पानी तो बिल्कुल भी ना पिएं। यदि आपको पानी पीना ही है तो आप पानी को हल्का गुनगुना कर लें और उसमें अजवाइन डालकर ही पिएं।